मुजफ्फरनगर- जीएसटी रेड के मामले में पूर्व विधायक शाहनवाज़ राणा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। योगी की पुलिस के चक्रव्यूह में फंसे शाहनवाज राणा को अदालत ने जमानत मंजूर होने के बाद भी 24 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। आखिरकार क्या है पूरा मामला, बताते हैं आपको सिलसिले वार तरीके से…
दरअसल, गत दिनों GST टीम पर हमले के मामले में सोमवार को अदालत ने शाहनवाज राणा और सद्दाम राणा की जमानत स्वीकार तो कर ली है, लेकिन उनकी रिहाई अभी भी अटकी हुई है क्योंकि पुलिस की ओर से जमानत की वेरिफिकेशन रिपोर्ट कोर्ट को प्राप्त नहीं हुई है। इस कारण से दोनों की रिहाई का परवाना मंगलवार को भी जारी नहीं हो पाया है।” फर्जी कंपनी के मामले में पुलिस ने जो मामला दर्ज किया था, उसमें भी मंगलवार को वारंट तामील कराने के लिए शाहनवाज राणा को कोर्ट में तलब किया गया था। एक तरफ ज़मानती कागज़ों में पुलिस द्वारा फंसाए गए पेंच की वजह से वेरिफिकेशन नहीं हो सका तो वहीं दूसरी तरफ़ पुलिस ने गत दिनों सिविल लाइन थाने में शाहनवाज़ राणा के बेटे के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे में भी शाहनवाज राणा को आरोपी बना दिया। इस मामले में शाहनवाज राणा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल और अफताब केसर ने बहस की, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी केसी मौर्या ने अपनी दलीलें पेश की।”
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित रख लिया और अगली 24 दिसंबर तक शाहनवाज राणा की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। जिसके बाद शाहनवाज़ राणा की रिहाई की उम्मीद पर मंगलवार को भी पूरी तरह से पानी फिर गया और उन्हें अदालत से सीधा फिर से जेल भेज दिया गया।
- आतंकी हमले का विरोध, नगर की पंजाबी कॉलोनी में बच्चों ने लगाए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे, कैंडल मार्च निकाला
- डीएवी पीजी कॉलेज नरा में निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन
- मेरठ की आयशा ने 93.67% अंको के साथ जनपद में पांचवा स्थान प्राप्त कर स्कूल का नाम किया रोशन
- नवनियुक्त भाजपा मंडल अध्यक्ष नई मंडी को बधाईयों का तांता
- भाजपा नेताओं ने एकत्रित होकर सुनी पीएम मोदी की मन कि बात
- युवा सम्मेलन में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने का माध्यम बताया “एक राष्ट्र – एक चुनाव”