मुज़फ़्फ़रनगर- जनपद में एक दिन की राहत के बाद फिर जहरीली हुई फ़िज़ा, आज फिर से AQI में भारी उछाल देखने को मिला है। रविवार सुबह 8 बजे मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले का AQI 221 रेकॉर्ड किया गया। जबकि शनिवार को 100 से 140 के बीच रहा था ज़िले का AQI।
आज फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गया AQI लेवल, इससे पूर्व तीन दिन पहले भी जनपद का AQI 311 तक जा पहुंचा था। आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मुज़फ़्फ़रनगर ज़िला दिल्ली एनसीआर का हिस्सा है। 200 से ऊपर का AQI बेहद खतरनाक माना जाता है, जो ऑरेंज कैटेगरी में आता है। इस कैटेगरी के वायु प्रदूषण में सांस और ह्रदय के मरीज़ों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। राहगीरों को आंखों में जलन जैसी समस्याएं भी देखी जाती हैं। ज़िले में प्रदूषण कंट्रोल करने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पूरी तरह से नाकाम दिख रहा है।
वायु प्रदूषण में फैक्ट्रियों की भूमिका
जौली रोड और भोपा रोड पर अनगिनत फ़ैक्टरियों में झोंका जा रहा है प्रतिबंधित प्लास्टिक वेस्ट, पॉलिथीन और कूड़ा करकट, दिल्ली के गाजीपुर, पंजाब के चंडीगढ़ और उत्तराखंड के देहरादून से बड़े पैमाने पर इन फ़ैक्टरियों में जलाने के लिए मंगाया जा रहा है कूड़ा, माना जा रहा है कि इस कूड़े को जलाने की वजह से ही प्रदूषण का स्तर आसमान छू रहा है।

एक अनुमान के मुताबिक, ज़िले की पेपर मिलों में रोज़ाना सैकड़ों बड़े ट्रक कूड़ा करकट के जलाने के लिए लाए जा रहे हैं, जिस कारण ज़िले की फ़िज़ा अब ज़्यादा ही ख़राब होती जा रही है।
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