कानपुर, कानपुर में पहला जीका वायरस का मामला मिलने के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में जीका जांच सेंटर बनेगा। राजधानी दिल्ली से आई विशेषज्ञों की टीम ने बुधवार शाम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ बैठक की और प्राचार्य डॉ. संजय काला से सेंटर बनाए जाने पर विचारविमर्श किया गया। साथ ही साथ जीका जांच सेंटर खोलने के लिए जरूरतें पूछीं और इनका ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा गया। दिल्ली से आये विशेषज्ञों माइक्रो बायोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। विशेषज्ञों की टीम में डॉ. कंचन समेत तीन सदस्य हैं। स्त्री रोग विभाग के स्टाफ को जीका के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे संक्रमितों का जीका प्रोटोकॉल के तहत इलाज हो सके।
काल्पनिक चित्र |
प्राचार्य डॉ. काला के अनुसार, जीका संक्रमण से गर्भवती स्त्रियों को ज्यादा खतरा रहता है। इससे गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को नुकसान हो सकता है। टीम से जीका जांच किट उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए मेडिकल कॉलेज में जाँच सुविधा उपलब्ध रहेंगी।